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Shayaris 3





आज भी कुछ किरदार पसंद आते है 
सहेज लेते है उन्हें कुछ नाम देके,
अल्फाज़ो का जामा पहनाना जरूरी नही है,
कुछ लिहाज़ जरूरी वक़्त की दूरी में,
कौन कहता है अच्छे इंसान नही इस ज़माने में ,
खुद को अच्छा रखो , खुद ब खुद वो फरिश्ते
टकरा जाते है इस ज़माने में





अगर वो पूछ ले हमसे की किस बात का ग़म है..?
तो फिर किस बात का ग़म है अगर वो पूछ ले हमसे!
 



इतनी दिलक़श आँखें होने का, 
ये मतलब तो नही..
कि, जिसे देखो.. उसे दिवाना कर दो


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